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About Sandeep Murarka

झारखंड राज्य के जमशेदपुर में रहने वाले संदीप मुरारका ने हिंदी लेखन के क्षेत्र में अद्भुत कार्य किया है़। धरती आबा बिरसा मुंडा जिन वंचितों एवं पीड़ितों की आवाज थे, उसी वर्ग के लोगों को पुस्तक का अध्याय बनाने का साहस लेखक संदीप ने किया है़। उन्होंने देशभर के विभिन्न राज्यों में फैले जनजातीय समुदायों के वैसे लोगों की जीवनियों को लिखा है़, जिनको या तो राष्ट्र के सर्वोच्च पुरस्कार पद्म सम्मान प्राप्त हुए हों अथवा वे देश के बड़े पदों पर पदस्थापित हों। पुस्तकों की इस कड़ी में "शिखर को छूते ट्राइबल्स" शीर्षक से अब तक तीन भाग प्रकाशित हो चुके हैं एवं चौथे भाग का लेखन जारी है़। उपरोक्त पुस्तक शिखर को छूते ट्राइबल्स भाग 1 में सत्रह ऐसे जनजातीय व्यक्तित्वों की जीवनी है़, जिनको देश के सर्वोच्च पद्म सम्मान से अलंकृत किया जा चुका है़, साथ ही ऐसे आठ महानायकों का परिचय है़ जिनके बिना इतिहास अधूरा है़, यथा; धरती आबा बिरसा मुंडा, पंडित रघुनाथ मुर्मू, ओत् गुरु कोल लाको बोदरा, सिदो कान्हू, फूलो झानो, टाना भगत, नीलांबर पीतांबर एवं मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा। पुस्तक में आदिवासी लोकसंस्कृति के संवाहक पद्मश्री मुकुंद नायक की जीवनी भी शामिल है़।
शिखर को छूते ट्राइबल्स भाग 2 में ऐसे उन्नीस आदिवासी व्यक्तित्वों की जीवनियाँ शामिल हैं जो राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कारों से नवाजे गए, साथ ही चार आदिवासी महानायकों के परिचय को सम्मिलित किया गया है- बाबा तिलका मांझी, तेलंगा खड़िया, तंट्या भील एवं कोमराम भीम।
शिखर को छूते ट्राइबल्स भाग 3 में ऐसे बीस महान आदिवासियों की जीवनी प्रकाशित है़ जिनको पद्म सम्मान से विभूषित किया जा चुका है़। साथ ही आठ ऐसी जनजातीय हस्तियों का परिचय है़, जिन्होंने देश के उच्चतम पदों को सुशोभित किया, जैसे कि राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, श्री गिरीश चंद्र मुर्मू, सुश्री अनुसुईया उइके, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, श्री राजीव टोपनो, श्री अमृत लुगून, प्रो. सोना झरिया मिंज एवं श्री हरिशंकर ब्रह्मा।
शिखर को छूते ट्राइबल्स भाग 4 का लेखन जारी है़, जिसमें देश के लगभग पच्चीस विशिष्ट जनजातीय नायकों की जीवनियाँ लिखी जा रही है़। उपरोक्त पुस्तकों की प्रस्तावना विख्यात पत्रकार विनय पूर्ति, लेखक रणेन्द्र एवं महादेव टोप्पो ने लिखी है़। पहली दो पुस्तकों का विमोचन झारखंड की राज्यपाल माननीय श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने किया है़, वहीं भाग 3 का विमोचन झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन एवं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने किया है़।

नाम : संदीप मुरारका
जन्म : 12 फरवरी'1978, जमशेदपुर
माता : श्रीमती पदमा देवी मुरारका
पिता : स्व. पुरुषोत्तम दास मुरारका
पत्नी : सविता मुरारका
शिक्षा : बी. कॉम
पता : मारवाड़ी पारा रोड़, जुगसलाई, जमशेदपुर- 831006 झारखंड
मोबाइल : 9431117507
ई मेल : keshav831006@gmail.com
ब्लॉग : www.sandeepmurarka.blogspot.com
वेबसाइट :www.sandeepmurarka.com


कृतियाँ :
1. "शिखर को छूते ट्राइबल्स" (वर्ष 2020) - पद्म पुरस्कार से विभूषित जनजातीय समुदाय के 18 व्यक्तित्वों की संक्षिप्त जीवनियों का संकलन। इस पुस्तक का अंग्रेजी संस्करण प्रकाशनाधीन है़, अंग्रेजी अनुवाद जमशेदपुर के श्री आनंद मोहन चौबे ने किया है़।
2. "बिखरे सिक्के" (वर्ष 2021) - ऑटोबायोग्राफी स्टाइल में लिखी गई तीन कहानियों और हॄदय को छूती कुछ कविताओं का संकलन
3. "शिखर को छूते ट्राइबल्स भाग 2" (वर्ष 2021) - देश के विभिन्न राज्यों से जनजातीय समुदाय के ऐसे 19 नायकों की संक्षिप्त जीवनियों का संकलन, जिनको देश के सर्वोच्च पद्म सम्मान प्राप्त हुए।
4. "शिखर को छूते ट्राइबल्स भाग 3 - अनकही जनजातीय गाथाएँ" (वर्ष 2021) - देश के विभिन्न राज्यों से 20 जनजातीय नायकों एवं 8 ऐसे महान व्यक्तित्वों की संक्षिप्त जीवनियों का संकलन, जो देश के उच्च पदों पर पदस्थापित हैं।
5. पद्म अलंकृत विभूतियाँ (मारवाड़ी/अग्रवाल) - 60 महान व्यक्तित्वों का प्रेरणा दायक परिचय विभिन्न समाचार पत्रों - पत्रिकाओं में सामयिक आलेखों का प्रकाशन एवं आकाशवाणी से प्रसारण । आँख खोलती सुबह, मानस में स्त्री पात्र, साहित्यिक विमर्श एवं नई सांस्कृतिक चुनौतियाँ, हिंदी साहित्य में आदिवासी विमर्श (रिसर्च जनरल, जून 2021), आकाश की सीढ़ी है़ बारिश इत्यादि काव्य कथा संग्रहों में कविताएँ एवं आलेख प्रकाशित ।
पुरस्कार :
अपने व्यवसायिक जीवन में उद्योग विभाग, झारखंड सरकार, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, वर्ल्ड बैंक, टाईम्स ऑफ इंडिया द्वारा पुरस्कृत ।
मरुधर साहित्य ट्रस्ट, जमशेदपुर द्वारा "मरुधर साहित्य एवं संस्कृति सम्मान" (5 अगस्त, 2017) हिन्दी अकादमी, मुंबई द्वारा "नवयुवा रचनाकार सम्मान" (19 फरवरी, 2021)
सोशल संवाद नेशनल न्यूज नेटवर्क, जमशेदपुर द्वारा शिखर को छूते ट्राइबल्स भाग 2 के लिए सम्मानित (26 मार्च, 2021)
पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा लेखन सम्मान (8 अगस्त, 2021)
डॉ. राममनोहर लोहिया रिसर्च फाउंडेशन द्वारा वंचित समुदाय पर किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए डॉ. राममनोहर लोहिया पुरस्कार गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद द्वारा। (27 नवंबर, 2021) मंचासीन विभूतियाँ - गोवा के राज्यपाल महामहीम पी. एस. श्रीधरन पिल्लई, गोवा विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष दिगंबर कामत, झारखंड सरकार के स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता एवं फाउंडेशन के अध्यक्ष अभिषेक रंजन सिंह
श्रीनाथ यूनिवर्सिटी, जमशेदपुर द्वारा आदिवासी साहित्य में लेखन हेतु श्री सुखदेव महतो द्वारा (18 दिसंबर, 2021)
झारखंड डेवलपमेंट कॉन्क्लेव 2022 में जनजातीय खिलाडियों पर उत्कृष्ट लेखन हेतु श्री राजीव रंजन सिंह आई पी एस द्वारा (18 जून, 2022)
पुस्तक समीक्षा :
श्री सतीश कुमार सिंह, एजीएम, एसबीआई, मुंबई ( 23.01.2022, दैनिक देशबन्धु, नई दिल्ली, रायपुर, भोपाल, जबलपुर, बिलासपुर), श्रीमती विजयलक्ष्मी वेडुला, सेवानिवृत्त हिंदी शिक्षिका, सेंट मेरीज हिंदी उच्च विद्यालय, जमशेदपुर (22.01.2022, फेसबुक),
श्री सतीश कुमार सिंह, पत्रकार, मुंबई (16.01.2022 दैनिक राष्ट्रीय सहारा), श्री रमेश कुमार रिपु, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार व लेखक (दिनांक 9.10. 2021), श्री कृपा शंकर, वरिष्ठ पत्रकार एवं कथाकार (सामयिक पत्रिका दुनिया इन दिनों, सितंबर 2021 अंक),
श्री रघुनाथ पांडेय, क्षेत्रीय संयोजक, पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलांग, वर्तमान- गोंडा, उत्तर प्रदेश (14.08.2021 एवं 28.11.2021), जनाब शहंशाह आलम, विख्यात समीक्षक, पटना (24.06.2021), श्रीमती अंशु शारड़ा अन्वि, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभ लेखिका, असम (20.06.2021 दैनिक पूर्वोदय), श्री अनमोल दुबे, झांसी (5.06.2021, नई दिल्ली दैनिक समाचार पत्र एवं Book वाला), श्री कुंदन कुमार गोस्वामी, राँची (2.04.2021, इन दिनों मेरी किताब), श्री दुर्गा प्रसाद अग्रवाल, पूर्व संयुक्त निदेशक, राजस्थान कॉलेज शिक्षा विभाग,जयपुर (11.02.2021), श्री अभिलेख द्विवेदी, लेखक एवं पत्रकार, लखनऊ, यू पी (10.01.2021), श्री विनोद कुमार, लेखक एवं पत्रकार, राँची (3.10.2020), श्री देवेंद्र, पत्रकार, जमशेदपुर (27.08.2020, इस्पात मेल).
साहित्यिक सेमिनार, वर्कशॉप, संगोष्ठी :
5 जून, 2021- स्टोरी मंच द्वारा आयोजित कथा पर्व में बतौर अतिथि शामिल एवं जनजातीय व्यक्तित्वों की असाधारण उपलब्धियों पर व्याख्यान।
31 जुलाई, 2021 - अखिल भारतीय साहित्य परिषद के पुस्तक लोकार्पण समारोह में विशिष्ट अतिथि के रुप में शिरकत (पुस्तक - अप्रतिम, लेखक - मुकेश रंजन, विधा - संस्मरण)
9 अगस्त, 2021 - जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज के हिंदी विभाग द्वारा विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित एक दिवसीय वेबिनार में मुख्य वक्ता के रुप में सहभागिता।
27 नवंबर, 2021 - गोवा क्रांति दिवस की 75वीं एवं गोवा मुक्ति का 60वें साल के ऐतिहासिक अवसर एवं गोवा मुक्ति सेनानियों के स्मरण में डॉ. राममनोहर लोहिया रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली के द्वारा क्रांति भूमि मडगांव स्थित रवींद्र भवन, गोवा में दो दिवसीय राष्ट्रीय विचार मंथन में सहभागिता।
18 दिसंबर, 2021- श्रीनाथ यूनिवर्सिटी, जमशेदपुर द्वारा आयोजित 5वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी महोत्सव, जमशेदपुर में सहभागिता एवं अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका।
26 दिसंबर, 2021 - प्रगतिशील लेखक संघ के वनभोज में शिरकत। वरिष्ठ कथाकार जयनंदन, डॉ. राकेश कुमार सिंह, वरुण प्रभात, अर्पिता श्रीवास्तव, कृपाशंकर, शशी भाई, डॉ. शीला कुमारी, प्रशांत श्रीवास्तव, पंकज मित्र के साथ कविताओं का आनंद।
8 जनवरी, 2022 - अप्रतिम भाग- 2 (आत्मसंस्करण - मुकेश रंजन) के विमोचन के अवसर पर मुख्य अतिथि विख्यात कवयित्री मीनाक्षी मीनल के साथ बतौर विशिष्ट अतिथि मंचासीन।
5 एवं 6 अप्रैल 2022 – डी बी एम एस कॉलेज ऑफ एजुकेशन, जमशेदपुर एवं भारतीय महिला दार्शनिक परिषद द्वारा "जनजातीय संस्कृति एवं सामाजिक गतिशीलता" विषय पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में सहभागिता। साथ ही पेपर प्रसेंटेशन इतिहास लेखन में जनजातियों के साथ पक्षपात.
साक्षात्कार :
बुक वाला के श्री अनमोल दुबे, झांसी द्वारा 20.12.2021 को लिया गया साक्षात्कार, यूट्यूब पर 41 मिनट का प्रसारण। द मीडियापुर वाला द्वारा दिनांक 12 फरवरी, 2022
दिनांक 2 मार्च, 2022 को आकाशवाणी जमशेदपुर में रेडियो साहित्यिक पत्रिका कार्यक्रम स्वर्णरेखा के भेंटवार्ता - द्वारा श्री पंकज मित्र, विख्यात लेखक

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Sandeep Murarka

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