Author at Shikhar ko chhoote Tribals and Director at Balaji Eco Bricks Pvt Limited
झारखंड राज्य के जमशेदपुर में रहने वाले संदीप मुरारका ने हिंदी लेखन के क्षेत्र में अद्भुत कार्य किया है़। डॉ. राम मनोहर लोहिया जिन वंचितों एवं पीड़ितों की आवाज थे, उसी वर्ग के लोगों को पुस्तक का अध्याय बनाने का साहस लेखक संदीप ने किया है़। उन्होंने देशभर के विभिन्न राज्यों में फैले जनजातीय समुदायों के वैसे लोगों की जीवनियों को लिखा है़, जिनको या तो राष्ट्र के सर्वोच्च पुरस्कार पद्म सम्मान प्राप्त हुए हों अथवा वे देश के बड़े पदों पर पदस्थापित हों। पुस्तकों की इस कड़ी में "शिखर को छूते ट्राइबल्स" शीर्षक से अब तक तीन भाग प्रकाशित हो चुके हैं एवं चौथे भाग का लेखन जारी है़। उपरोक्त पुस्तक शिखर को छूते ट्राइबल्स भाग 1 में सत्रह ऐसे जनजातीय व्यक्तित्वों की जीवनी है़, जिनको देश के सर्वोच्च पद्म सम्मान से अलंकृत किया जा चुका है़, साथ ही ऐसे आठ महानायकों का परिचय है़ जिनके बिना इतिहास अधूरा है़, यथा; धरती आबा बिरसा मुंडा, पंडित रघुनाथ मुर्मू, ओत् गुरु कोल लाको बोदरा, सिदो कान्हू, फूलो झानो, टाना भगत, नीलांबर पीतांबर एवं मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा। पुस्तक में आदिवासी लोकसंस्कृति के संवाहक पद्मश्री मुकुंद नायक की जीवनी भी शामिल है़।
झारखंड राज्य के जमशेदपुर में रहने वाले संदीप मुरारका ने हिंदी लेखन के क्षेत्र में अद्भुत कार्य किया है़। डॉ. राम मनोहर लोहिया जिन वंचितों एवं पीड़ितों की आवाज थे, उसी वर्ग के लोगों को पुस्तक का अध्याय बनाने का साहस लेखक संदीप ने किया है़। उन्होंने देशभर के विभिन्न राज्यों में फैले जनजातीय समुदायों के वैसे लोगों की जीवनियों को लिखा है़,