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Sandeep Murarka
संदीप मुरारका जनजातीय समुदाय के सकारात्मक पहलुओं पर लिखने वाले कलमकार एवं उनका पक्ष रखने वाले प्रखर वक्ता हैं. उनके द्वारा लिखित जनजातीय समुदाय की पद्म अलंकृत विभूतियों एवं महान व्यक्तित्वों की संक्षिप्त जीवनियों के हिंदी संकलन 'शिखर को छूते ट्राइबल्स' के चार भाग प्रकाशित हो चुके हैं.
उनकी कई कॉफी टेबल बुक प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें वे सचित्र फीचर के माध्यम से अपने पाठकों को देश के सफलतम व अनुकरणीय जनजातीय व्यक्तित्वों से परिचित करवाते हैं. दिनांक 29 अगस्त,2023 को संदीप मुरारका ने राष्ट्रपति भवन, दिल्ली में महामहिम को आदिवासियों पर लिखी कॉफी टेबल बुक भेंट की थी.
यहां यह भी वर्णित करना आवश्यक है कि संदीप मुरारका के निजी संग्रह में जनजातीय व्यक्तित्वों पर जारी हुये अधिकांश डाक टिकट, स्पेशल कवर एवं सिक्के संगृहीत हैं. वे आदिवासी विषय पर सैकड़ों पुस्तकों से समाहित एक निजी पुस्तकालय विकसित कर रहे हैं.
देश में पद्म पुरस्कार प्रदान करने की परंपरा वर्ष 1954 में प्रारंभ की गई थी. तब से वर्ष 2024 तक कुल 53 भारत रत्न, 336 पद्म विभूषण, 1320 पद्म भूषण एवं 3531 पद्मश्री प्रदान किये जा चुके हैं. संदीप मुरारका की अब तक कुल 11 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. उन्होंने अपनी पुस्तकों में आदिवासियों को चिन्हित कर अलग संकलित करने का अद्भुत प्रयास किया है. उनके द्वारा संकलित सूची के अनुसार जनजातीय विभूतियों को 147 पदक प्रदान किये गये हैं. आने वाली पीढ़ियां इनके संघर्ष व सफलता की कहानियों को पढ़कर प्रेरणा प्राप्त कर सकेगी.